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मुजफ्फरपुरएक दिन पहले
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- हाथी चौक का नाम बदलकर ध्वजा प्रसाद साहू के नाम पर करने की मांग उठी
- ध्वजा बाबू ने गांधीजी के साथ देश को स्वतंत्र कराने में योगदान दिया
बिहार के राजस्व विभाग में जल्द ही 4 हजार कर्मचारी बहाल किए जाएंगे और जिले के औराई प्रखंड में स्वतंत्रता सेनानी ध्वजा प्रसाद साहू और रामवृक्ष बेनीपुरी की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। ये बात सोमवार को ध्वजा प्रसाद साहू की 34वीं पुण्यतिथि के दौरान भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री रामसूरत राय ने कही।
उन्होंने कहा, भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए सरकार काम कर रही है और लोगों काे भी इस मुहिम में सहयोग करना चाहिए। कार्यक्रम की शुरुआत ध्वजा प्रसाद साहू की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर की गई। अध्यक्षता कर रहे स्वतंत्रता सेनानी राम सजीवन ठाकुर ने कहा, ध्वजा बाबू ने गांधीजी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर देश को स्वतंत्र कराने में अपना योगदान दिया।
उन्होंने कहा, ध्वजा प्रसाद ने गांधीजी के साथ मिलकर खादी ग्रामोद्योग को बढ़ावा देने के लिए लोगों को जागरूक भी किया। वहीं, पूर्व मेयर विवेक कुमार ने कहा, हाथी चौक का नाम बदलकर ध्वजा प्रसाद साहू के नाम पर करना चाहिए, इसके लिए निगम के पास प्रस्ताव भेजा जाएगा।
मोहन प्रसाद सिन्हा ने कहा, हाथी चौक स्थित ध्वजा बाबू का स्मारक स्थल जर्जर अवस्था में है, लेकिन जिला प्रशासन इस पर ध्यान नहीं दे रहा है। उन्होंने कहा, जिला प्रशासन को यहां पर ध्वजा प्रसाद साहू के नाम पर पार्क का निर्माण करना चाहिए। मौके पर डॉ. संजय पंकज, संजीव कुमार, डाॅ. पुष्पा प्रसाद, गोपाल भारतीय, विजेंद्र चौधरी, केदारनाथ प्रसाद, वीरेंद्र सिंह, डाॅ. माधुरी, डाॅ. राजेश राेशन, डाॅ. धनंजय सिंह, विनाेद सिंह, कुंदन कुमार व सतीष पाठक, संजीव कुमार व डाॅ. हेमनारायण आदि थे। मंच संचालन भूपाल भारती ने किया।
ध्वजा प्रसाद खादी आंदाेलन के जनक थे : माेहन प्रसाद
नागरिक माेर्चा की ओर ध्वजा प्रसाद साहू की पुण्यतिथि साेमवार काे मनाई गई। इस दाैरान हाथी चाैक स्थित उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण व पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई। माेर्चा के संस्थापक महासचिव माेहन प्रसाद सिन्हा ने राज्य सरकार से पटना में उनकी प्रतिमा लगाने की मांग की।
श्री सिन्हा ने कहा, ध्वजा प्रसाद साहू खादी आंदाेलन के जनक थे, जिन्हाेंने शहर से गांव तक लाेगाें के बीच खादी काे पहुंचाने का काम किया। उनके समर्पण व याेगदान का नतीजा है कि आज हजाराें कुटीर उद्याेग फल-फूल रहे हैं। माैके पर अंजनी पाठक, मुन्नी चाैधरी, अधिवक्ता शिल्पी, रामनरेश झा, रामप्रवेश श्रीवास्तव, अरुण शुक्ला, महेंद्र श्रीवास्तव, सत्येंद्र कुमार सत्येन, जयमंगल राम, संजय केजरीवाल, अमरेंद्र कुमार, वीणा सिंह, शिवजी सहनी एवं दीपक सहनी आदि थे।