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मुंबई4 मिनट पहले
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घरेलू बाजार ने निवेशकों को अब तक करीब 7% का रिटर्न दिया है। इस लिहाज भारतीय शेयर बाजार दुनिया में रिटर्न के लिहाज से दूसरे स्थान पर पहुंच गया है। दुनिया के प्रमुख 15 बाजारों की लिस्ट में सबसे ऊपर हॉन्गकॉन्ग का बाजार है, जिसने अब तक 8% का रिटर्न दिया है। खास बात यह है कि मार्केट कैप के लिहाज से लिस्ट में भारत का बाजार 7वें पायदान पर है।
भारतीय बाजार में रिकॉर्ड तेजी
8 फरवरी को शेयर मार्केट लगातार 6वें दिन बढ़त के साथ बंद हुआ है। 1 फरवरी को बजट के दिन से जारी बढ़त जारी है। इस दौरान सेंसेक्स 51 हजार और निफ्टी 15 हजार के रिकॉर्ड स्तर को पार पहुंच गया है। एक्सचेंज पर लिस्टेड कंपनियों का टोटल मार्केट कैप भी बढ़कर 203 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा हो गया है। बजट से पहले लगातार 6 दिनों तक बाजार में मुनाफावसूली हुई थी।

मार्केट कैप के लिहाज से 7वां सबसे बड़ा भारतीय शेयर बाजार
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारतीय शेयर बाजार कनाडा, जर्मनी और सऊदी अरब से भी बड़ा है। करीब 11 महीने बाद भारत ने कनाडा को पीछे छोड़ा है, जो मार्केट कैप के लिहाज से फिलहाल 8वें स्थान पर है। उम्मीद है कि भारत जल्द ही फ्रांस को भी पछाड़ सकता है, जिसका मार्केट कैप 2.86 लाख करोड़ डॉलर है। क्योंकि भारत का मार्केट कैप शुक्रवार को 2.7 लाख करोड़ डॉलर रहा था।
बाजार में आगे भी बढ़त की उम्मीद
मार्केट एनालिस्ट के मुताबिक आने वाले तिमाहियों में भारत की अर्थव्यवस्था सुधरेगी। नतीजतन, शेयर मार्केट में पॉजिटिव ग्रोथ देखने को मिल सकती है। इससे मार्केट का साइज भी बढ़ेगा, जबकि यूरोप में अभी कोरोना प्रभाव कम नहीं हुआ है। मार्केट कैप के लिहाज से टॉप-7 देशों में यूरोप के केवल दो बाजार फ्रांस और ब्रिटेन शामिल हैं।
विदेशी निवेश से बढ़ रहा बाजार का साइज
भारी विदेशी निवेश के चलते भारतीय शेयर बाजार का साइज बढ़ रहा है। NSLD डेटा के मुताबिक 2021 में अब तक 29.54 हजार करोड़ रुपए का फॉरेन पॉर्टफोलियो इन्वेस्टमेंट (FPI) हो चुका है। उभरते बाजार में निवेश के लिहाज से भारत दूसरे स्थान पर है। सबसे ज्यादा ब्राजील के शेयर मार्केट में 32.83 हजार करोड़ रुपए का FPI आ चुका है।
आने वाली तिमाहियों में ग्रोथ का अनुमान
भारत जैसे अन्य इमर्जिंग मार्केट को अमेरिकी करेंसी डॉलर में कमजोरी का फायदा मिला है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से रिकवर कर रही है। साथ ही सरकार भी गोर्थ पर फोकस कर रही है, जिससे कोविड-19 से बिगड़ी अर्थव्यवस्था में सुधार हो रहा है। इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड के मुताबिक वित्त वर्ष 2021-22 में भारत की GDP 11.5% और 2022-23 में 6.8% की ग्रोथ रहेगी।