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नई दिल्ली8 मिनट पहले
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आर्मी चीफ जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने कहा कि सेना भर्ती में घोटाले की बात इंटरनल जांच में ही सामने आ गई थी।
सेना भर्ती घोटाले पर मंगलवार को आर्मी चीफ जनरल मनोज मुकुंद नरवणे का बयान आया है। उन्होंने कहा कि इस फर्जीवाड़ें की जांच सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) से कराना जरूरी हो गया था। CBI जांच से पहले एक इंटरनल जांच भी की गई थी। इस जांच में ही काफी कुछ स्पष्ट हो गया था, लेकिन हमारे पास गहराई से जांच कराने के अधिकार नहीं थे। इसलिए हमने केस CBI के हवाले कर दिया।
आर्मी चीफ ने कहा कि भर्ती में कई जगह पर खामियां पाई गईं थीं। परीक्षा से पहले ही पेपर लीक कर दिए गए थे। ऑफिसर्स के सिलेक्शन की प्रक्रिया में भी फर्जीवाड़ा किया गया था। प्रक्रिया में शामिल स्टाफ और सर्विस सिलेक्शन बोर्ड के लोग भी इसमें मिले हुए थे। फर्जीवाड़े में बैंक के जरिए पैसों का लेन-देन हुआ था। कुछ कॉल रिकॉर्ड सामने आए थे, जिससे और भी लोगों के शामिल होने का पता चला। ये सब आर्मी की इंटरनल जांच में सामने आया है।
चीन और पाकिस्तान पर भी बोले सेना प्रमुख
आर्मी चीफ ने भारत और चीन के बीच लंबे समय तक चले तनाव पर भी बात की। उन्होंने कहा कि हमने अपनी एक भी इंच जमीन नहीं गंवाई है। हम आज भी उसी स्थिति पर हैं, जिस स्थिति में स्टैंडऑफ से पहले थे।
पाकिस्तान की तरफ से सीजफायर समझौता बहाल होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि ये भविष्य बताएगा कि पाकिस्तान इसे लेकर कितना गंभीर है। LoC के उस पार आज भी आतंकी ठिकाने मौजूद हैं। आतंकी घटनाओं को कम करने के लिए उन्हें हटाना जरूरी है। LoC पर बर्फ पिघलने के बाद हम आसानी से उनकी स्थिति स्पष्ट कर पाएंगे।
चीन पर उन्होंने कहा कि कमांडर लेवल की 9वीं बातचीत में दोनों देशों की सेनाओं ने कुछ बातों पर सहमति जताई है। 10 फरवरी से दोनों देशों की सेनाओं ने पैंगोंग त्सो और कैलाश रेंज से पीछे हटना शुरू कर दिया था। उन स्थानों में रहने वाले स्थानीय लोग भी अब वापस लौट चुके हैं।
#WATCH: Army Chief General MM Naravane speaks to ANI on India-China disengagement in Ladakh. He says, “We have not lost out on any territory, we are where we were before this whole thing started…Not an inch of land has been lost.” pic.twitter.com/yIyyBR6Z4n
— ANI (@ANI) March 30, 2021
15 मार्च को CBI ने 30 स्थानों पर छापेमारी की
इससे पहले 15 मार्च को CBI ने देशभर में 30 स्थानों पर छापेमारी की थी। 17 आर्मी ऑफिसर्स के खिलाफ FIR भी दर्ज की गई थी। इनमें लेफ्टिनेंट कर्नल, मेजर, नायब सूबेदार और सिपाही रैंक के आर्मी ऑफिसर शामिल थे। CBI बेस हॉस्पिटल, कैंटोनमेंट और सेना के अन्य प्रतिष्ठानों पर जांच की थी। जांच एजेंसी ने कपूरथला, भठिंडा, दिल्ली, कैथल, पलवल, लखनऊ, बरेली, गोरखपुर, विशाखापत्तनम, जयपुर, गुवाहाटी, जोरहाट और चिरांगोन से कई दस्तावेज बरामद किए थे।
सेना ने इनके खिलाफ की थी कार्रवाई
CBI ने दिल्ली छावनी में तैनात नायब सूबेदार कुलदीप सिंह, लेफ्टिनेंट कर्नल एमवीएसएनए भगवान, आर्मी एयर डिफेंस कॉर्प्स विशाखापट्टनम, मेजर भावेश कुमार, ग्रुप टेस्टिंग ऑफिसर, 31 SSB सिलेक्शन सेंटर नॉर्थ, कपूरथला के अलावा कई वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की थी।
सेना मुख्यालय में हुई थी शिकायत
सेना में सर्विस सिलेक्शन बोर्ड (SSB) के जरिए अधिकारियों और अन्य रैंक की भर्तियों में रिश्वत और अनियमितताओं के आरोप लगे थे। कुछ लोगों ने भर्ती में जूनियर अधिकारियों के धांधली की शिकायत सेना मुख्यालय को की थी। इसके बाद मिलिट्री इंटेलिजेंस ने भी इससे इंकार नहीं किया। पंजाब के कपूरथला में सैन्य अफसरों की भर्ती में भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। इस मामले में कई जांच एजेंसियों के शामिल होने के चलते सेना ने मामले की जांच CBI से कराने का फैसला किया था।